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धनबाद/डेस्कः- खनन सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) महानिदेशक उज्ज्वल ताह ने कहा कि खनन ने मानव जीवन को गहरे तक प्रभावित किया है. मानव के विकास में खनन की महत्वपूर्ण भूमिका है. हम कह सकते हां कि खनन मानव सभ्यता की नींव है. यह हमेशा मानव विकास का आधार रहेगा. पाषाण युग से लेकर आज के डिजिटल युग तक मानव सभ्यता का हर विकास खनन पर निर्भर रहा है. मोबाइल फोन से लेकर नवीकरणीय ऊर्जा तक, हर क्षेत्र खनिजों पर निर्भर है. खनन कभी खत्म नहीं हो सकता, यह सभ्यता की धड़कन है. अवसर था आईआईटी आईएसएम में टेक्नो माइनिंग फेस्ट खनन का. इसकी बानगी बना था आईआईटी का पेनमेन ऑडिटोरियम.
शनिवार को आईआईटी धनबाद धनबाद में दो दिवसीय राष्ट्रीय टेक्नो माइनिंग फेस्ट खनन की शुरुआत हुई. यह खनन अभियांत्रिकी विभाग एवं सोसाइटी ऑफ माइनिंग इंजीनियर्स (एसएमई) आईआईटी आईएसएम स्टूडेंट चैप्टर की ओर से आयोजित किया जा रहा है. दो दिनों में खनन में देशभर के 500 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लेंगे. पहले दिन शनिवार को कलाकृति, प्लेसमेंट फीवर समेत अन्य प्रतियोगिता हुई.
उज्ज्वल ताह ने युवाओं से आह्वान किया कि वे रोजगार तक सीमित सोच से आगे बढ़ें. नवाचार व तकनीकी दक्षता के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी भूमिका निभाएं. उन्होंने आईआईटी धनबाद के सौ वर्षीय योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इस संस्थान ने न केवल खनन शिक्षा बल्कि सुरक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी अद्वितीय पहचान बनाई है.
आईएसएम के पूर्ववर्ती छात्र सह हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिंह ने कहा कि खनन देश निर्माण की नींव है. प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि बिना खनन के कोई भी ऊर्जा, अधोसंरचना या डेटा नेटवर्क संभव नहीं. भविष्य का भारत खनिज सुरक्षा और तकनीकी नवाचार पर ही टिका होगा. उद्योग और शिक्षा जगत के बीच साझेदारी को मजबूत करें. हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) आधारित खनन तकनीक विकसित कर रहा है, जो भविष्य में उद्योग का स्वरूप बदल सकती है.
विशिष्ट अतिथि बीसीसीएल सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि पूर्व छात्र के रूप में इस मंच पर लौटना मेरे लिए गर्व का क्षण है. खनन जैसे आयोजन छात्रों को न केवल तकनीकी ज्ञान प्रदान करते हैं बल्कि उन्हें उद्योग की बदलती जरूरतों से भी जोड़ते हैं. आईआईटी धनबाद निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने कहा कि वे ऐसे मंचों का उपयोग तकनीकी ज्ञान, नेतृत्व कौशल और नवाचार के विकास के लिए करें.