अमित दत्ता/न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: झारखंड की धरती आज एक ऐतिहासिक जनज्वार की साक्षी बनने जा रही है. कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (ST) सूची में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में पांच परगना आदिवासी समाज (जनजाति), बुंडू की ओर से आज विराट जन आक्रोश रैली का आयोजन किया गया है. इस रैली का केंद्र होगा बुंडू का ताऊ मैदान, जहां सुबह से ही लोगों का जुटान शुरू हो गया है. रैली में बुंडू सहित रांची, खूंटी, तमाड़, राहे, सोनाहातु, चांडिल, सरायकेला और खरसावां से हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पहुंच रहे हैं. पूरे क्षेत्र में जन-जागरण और नारों की गूंज है
“अब और नहीं चलेगा किसी की पहचान पर कब्जा.
एक तीर एक कमान – सभी आदिवासी एक समान.”
आयोजक मंडल ने कहा है कि यह आंदोलन केवल किसी समुदाय के खिलाफ विरोध नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, हक और अस्तित्व की रक्षा की निर्णायक लड़ाई है. समाज का मानना है कि कुरमी/कुड़मी को एसटी सूची में शामिल करने का प्रयास संविधान, इतिहास और मूल आदिवासी अधिकारों पर कुठाराघात है.
रैली के दौरान पारंपरिक वेशभूषा में सजे आदिवासी युवक-युवतियां ढोल-मांदर की थाप पर पारंपरिक नृत्य करते हुए विशाल जुलूस के रूप में मैदान तक पहुंचेंगे. पूरे कार्यक्रम स्थल को आदिवासी एकता के प्रतीक झंडों और बैनरों से सजाया गया है. इस बीच, आदिवासी समाज का एक प्रतिनिधिमंडल बुंडू एसडीओ किस्टो कुमार बेसरा को मुख्यमंत्री झारखंड सरकार, राज्यपाल, भारत सरकार के अनुसूचित जनजाति आयोग तथा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेगा. इस ज्ञापन में कुरमी/कुड़मी समुदाय की एसटी सूची में शामिल किए जाने की मांग का दृढ़ विरोध दर्ज कराया जाएगा. रैली के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन ने शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की है.
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