आर्यन श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
कोडरमा/डेस्क: झारखंड में प्रवेश करते ही चुंगी पर बिहार से लौट रहे निजी चैनल के संवाददाता पर जानलेवा हमला, पत्नी से मोबाइल व चैन छीनने का आरोप. कोडरमा जिले के पत्रकार और एक निजी चैनल के जिला संवाददाता संजीव कुमार के साथ कोडरमा जिला परिषद के मेघातरी बस पड़ाव के पास एक गंभीर घटना हुई, जिसमें उनके और उनकी पत्नी पर जानलेवा हमला किया गया और रंगदारी के साथ लूटपाट की गई.
संजीव कुमार के मुताबिक, वे सीतामढ़ी से अपनी पत्नी मेनका कुमारी के साथ झुमरी तिलैया लौट रहे थे. जब उनकी गाड़ी मेघातरी बस स्टैंड के पास पहुंची, तो सड़क पर जाम लगा हुआ था और कुछ लोग मालवाहक वाहनों को रोककर जबरन वसूली कर रहे थे. चूंकि वह एक निजी चैनल के पत्रकार हैं, उन्होंने गाड़ी से ही इस घटना का वीडियो बनाना शुरू किया.
वीडियो बनाते देख मौके पर मौजूद लगभग 10-15 अज लोग गाड़ी के पास पहुंचे और संजीव कुमार को गंदी-गंदी गालियाँ देने लगे. उन्होंने जबरन गाड़ी का गेट खोलने की कोशिश की और पत्रकार की पत्नी मेनका कुमारी का गेट खोलकर उन्हें भी बाहर खींचने लगे. इसी दौरान उनका कीमती मोबाइल फोन छीनकर सड़क पर पटक दिया. जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गया.
इसके बाद हमलावरों ने लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से लैस होकर संजीव कुमार पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की और उनकी पत्नी की सोने की चेन रंगदारी पूर्वक प्रदीप राजवंशी पिता स्वर्गीय शंकर रजवार के द्वारा जबरन छीन ली. हमलावरों ने रंगदारी की मांग भी की और जान से मारने की धमकी दी.
संजीव कुमार ने आरोप लगाया कि हमलावरों में कई की पहचान कर ली गई है, जिनमें सिकंदर रजवार, सुरज कुमार, अनिल राजवंशी, रंजीत रजवार, मंटू कुमार, अविनाश कुमार, कारू प्रसाद, सुबोध कुमार, पिंटू तुरी, मुकेश तुरी, टिंकू सिंह, सतीश कुमार और विजय यादव शामिल हैं, जो नवादा, कोडरमा और रजौली क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं.
किसी तरह संजीव कुमार और उनकी पत्नी अपनी जान बचाकर गाड़ी में भाग निकले. जाते-जाते आरोपियों ने उन्हें धमकी दी कि "अगली बार देखे तो जान से मारकर फेंक देंगे. संजीव कुमार ने घटना को लेकर कोडरमा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है, और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई करते हुए 7 हमलावरों गिरफ्तार कर कोडरमा जेल भेज दिया है, अन्य सभी की गिरफ्तारी के लेकर छापेमारी की जारी है.
पत्रकार संगठनों ने घटना की निंदा की
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पत्रकार संगठनों ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की.बताते चली की इस चुंगी की बोली करोड़ो में लगती है.और हर रोज यहाँ से लाखों रु की अवैध वसूली का है कारोबार.