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रांची/डेस्क: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिसकर्मियों के बीच बढ़ते ‘रील कल्चर’ पर सख्त रुख अपनाया हैं. उन्होंने साफ कहा कि जो वर्दी पहने है, वे सोशल मीडिया स्टार नहीं बल्कि जनता के सेवक हैं. इसलिए जो पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान वीडियो या रील बनाते है, उन्हें संवेदनशील ड्यूटी पॉइंट्स से तुरंत हटाया जाए.
वर्दी का मतलब ‘शक्ति नहीं, सेवा और मर्यादा’
लखनऊ में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा- “वर्दी सिर्फ शक्ति का प्रतीक नहीं, यह अनुशासन और सेवा का दायित्व हैं.” उन्होंने चेताया कि ड्यूटी के समय प्रचार या दिखावे की कोई गुंजाइश नहीं, जनता के प्रति संवेदनशीलता ही असली पहचान हैं. सीएम योगी ने कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली, गुरु नानक जयंती, ददरी मेला और गढ़मुक्तेश्वर मेले को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हर जिले में प्रशासन और पुलिस चौकन्ने रहें ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो.
घाटों और मेलों में होगी कड़ी निगरानी
योगी ने आदेश दिया कि घाटों पर पर्याप्त रोशनी, फ्लोटिंग बैरियर, सीसीटीवी, मेडिकल कैंप, मोबाइल टॉयलेट और खोया-पाया केंद्र की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित की जाए. साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि बिना लाइफ जैकेट के किसी भी व्यक्ति को नाव पर सवारी की अनुमति न दी जाए.
मुख्यमंत्री ने खासतौर पर काशी, अयोध्या, प्रयागराज, बलिया, हापुड़, मुजफ्फरनगर और अमरोहा जिलों का नाम लेते हुए कहा कि इन स्थानों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होगी, इसलिए हर विभाग के बीच बेहतर समन्वय जरूरी हैं.
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