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रांची/डेस्क: सर्दी के मौसम की दस्तक के साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव और हवा की नमी में बदलाव लोगों की सेहत पर असर डालने लगा हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय कान के इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं. वजह है- ठंडी हवा, सर्दी-खांसी और नाक बंद रहने से कान के अंदर दबाव में बदलाव, जिससे बैक्टीरिया और वायरस तेजी से सक्रिय हो जाते हैं.
कान दर्द और भारीपन को न करें नजरअंदाज
डॉक्टरों का कहना है कि मौसम बदलने के दौरान अगर कान में दर्द, भारीपन, हल्की गूंज या सुनने में परेशानी महसूस हो तो इसे अनदेखा न करें. कई बार कान में पानी जैसा डिस्चार्ज भी दिखता है जो इंफेक्शन का संकेत हो सकता हैं. बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ये समस्या अधिक देखने को मिलती हैं. डॉ. सुभाष गिरी (आरएमएल हॉस्पिटल, नई दिल्ली) बताते है कि “कान को अचानक तापमान बदलने से बचाना बहुत जरूरी हैं. ठंडी हवा सीधे कान में लगने से संक्रमण बढ़ सकता है, खासकर बाइक चलाते समय कान ढकना चाहिए. सर्दी या खांसी को हल्के में न लें, क्योंकि यही कान के इंफेक्शन का सबसे बड़ा कारण बनती हैं.”
क्या करें और क्या न करें?
- ठंडी हवा या धूल से कान को बचाएं.
- नहाते समय पानी कान में न जाने दें.
- डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं या ईयर ड्रॉप का पूरा कोर्स जरूर पूरा करें.
- कॉटन बड या नुकीली चीजें कान के अंदर बिल्कुल न डालें.
- लंबे समय तक इयरफोन या हेडफोन के इस्तेमाल से बचें.
- दर्द या जलन की स्थिति में हल्का गर्म सेक और पर्याप्त आराम मददगार होता हैं.
बच्चों में इंफेक्शन के संकेत पहचानें
छोटे बच्चों में अगर वे बार-बार कान खींचते है, बेचैन रहते है या रोते है, तो यह कान के संक्रमण का शुरुआती संकेत हो सकता हैं. ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. बदलते मौसम में इम्यूनिटी मजबूत रखना और एलर्जी को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी हैं. पर्याप्त पानी पिएं, पौष्टिक आहार लें और जरूरत पड़ने पर समय पर चिकित्सा सलाह लें.
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