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रांची/डेस्क: थाईलैंड, जो हमेशा से भारतीय पर्यटकों की पसंदीदा मंज़िलों में से एक रहा है, इन दिनों एक अलग ही माहौल से गुज़र रहा हैं. देश में अचानक काले कपड़ों की भारी कमी हो गई हैं. यह कोई फैशन ट्रेंड नहीं बल्कि शोक का प्रतीक हैं. वजह है थाईलैंड की पूर्व रानी और राष्ट्र की माता”कही जाने वाली रानी सिरिकित का निधन.
25 अक्टूबर, 2025 को 93 वर्ष की आयु में रानी सिरिकित का निधन हो गया. वे 1946 से 2016 तक राजा भूमिबोल अदुल्यदेज की पत्नी और वर्तमान राजा महा वजिरालोंग्कोर्न की माता थी. उन्होंने दशकों तक थाई संस्कृति, ग्रामीण विकास और हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया, जिस कारण उन्हें ‘राष्ट्र की माता’ कहा गया. उनके निधन के बाद थाईलैंड सरकार ने 30 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जबकि औपचारिक रूप से यह शोक एक वर्ष तक चलेगा.
काले कपड़ों की बढ़ी मांग, दुकानों में खत्म हुआ स्टॉक
थाईलैंड में शोक के दौरान काला रंग पहनना सम्मान और संवेदना का प्रतीक माना जाता हैं. यही कारण है कि देशभर में काले कपड़ों की मांग अचानक आसमान छू गई हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, कई दुकानों ने अपने रंगीन परिधानों को हटाकर केवल काले कपड़े ही बिक्री पर रख दिए हैं. कई जगहों पर तो ब्लैक आउटफिट्स का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो गया हैं. भारत में जहां किसी के निधन पर सफेद वस्त्र पहनने की परंपरा है, वहीं थाईलैंड में काला रंग शोक और आदर का प्रतीक माना जाता हैं.
क्या है सरकार का आदेश?
- थाईलैंड की सरकार ने इस अवधि के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए है:
- सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को एक वर्ष तक काले वस्त्र पहनना अनिवार्य किया गया हैं.
- आम नागरिकों से 90 दिनों तक काले, सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनने की अपील की गई हैं.
- राष्ट्रीय ध्वज 30 दिनों तक आधा झुका रहेगा.
हालांकि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि काले कपड़े पहनना कोई कानूनी बाध्यता नहीं हैं. यह एक अनुरोध मात्र है यानी, जो लोग काले कपड़े नहीं पहनते, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
भारतीय पर्यटकों के लिए खास सलाह
हर साल लाखों भारतीय थाईलैंड के बैंकॉक, पटाया और फुकेट जैसे शहरों की यात्रा करते हैं. ऐसे में इस शोक अवधि में भारतीय यात्रियों के लिए कुछ बातें ध्यान में रखना बेहद जरूरी है कि वे चमकीले या भड़कीले रंगों से बचें. मंदिर, राजमहल या सरकारी स्थल पर जाते समय काले, सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें और चाहें तो श्रद्धांजलि के रूप में काला रिबन पिन करें. इसके अलावा शोर-शराबा या उत्सव जैसा माहौल न बनाएं, खासकर शोक स्थलों या सार्वजनिक स्थलों के पास. नाइट क्लब और शराब पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन संवेदनशीलता और संयम बनाए रखें.
थाईलैंड पहुंचना अब भी आसान
भारत से थाईलैंड की यात्रा पहले की तरह ही सुविधाजनक हैं. दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और बेंगलुरु से बैंकॉक, फुकेट और क्राबी के लिए सीधी उड़ानें चल रही हैं. उड़ान का समय औसतन 3.5 से 4 घंटे का होता हैं. भारतीय यात्रियों के लिए वीज़ा ऑन अराइवल की सुविधा भी उपलब्ध हैं. बैंकॉक के सुवर्णभूमि एयरपोर्ट और डॉन म्यांग एयरपोर्ट मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं. यह पहली बार नहीं है जब थाईलैंड में इस तरह का दृश्य देखने को मिला हो. 2016 में राजा भूमिबोल के निधन के समय भी पूरे देश में काले कपड़ों की भारी मांग हो गई थी. उस समय भी दुकानों से काले कपड़े लगभग गायब हो गए थे.
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