घाघरा में तेजी से बढ़ रहा है ड्रग्स का साम्राज्य इस काले साम्राज्य को नेस्तानाबुद करने में पुलिस नाकाम
पंकज कुमार/न्यूज़11 भारत
घाघरा/डेस्क:- घाघरा शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली बच्चे कम उम्र के लड़के में तेजी से गांजा ,ब्राउन शुगर सहित अन्य रासायनिक एवं जानलेवा नशे की लत तेजी से फैल रही है .शहरी क्षेत्र के अलावा अब देहाती क्षेत्रों में भी गांजा एवं ब्राउन शुगर की बिक्री तेजी से होने लगी है. कुछ पैसों की लालच में ड्रग्स माफिया कम उम्र के बच्चों को मौत का सामान परोस रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ड्रग्स का कारोबार लुक छिपकर परदे के पीछे से हो रहा है कारोबारी शहरी एवं भीड़भाड़ इलाकों में सीना तानकर बेच रहे हैं. ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे प्रशासन ने इन्हें कारोबार करने की खुली छूट दे रखी है. अक्सर ये कहते हुए देखे भी देखें जाते हैं कि स्थानीय पुलिस इनका कुछ नहीं कर सकती है.
सब्जी खरीदने के लिए भटकना पड़ सकता है लेकिन ब्राउन शुगर के लिए नहीं बस अपना लोकेशन बता दीजिए
आज स्थिति यह हो गई है की टमाटर ,करेला जैसे साधारण चीजों को खरीदने के लिए आपको भटकना पड़ सकता है लेकिन गांजा एवं ब्राउन शुगर के लिए आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.बस आप इच्छा जाहिर कर दें समान आप तक खुद पहुंच जाएगा .आप जिस जगह पर हैं वहां का लोकेशन बता दीजिए उसे क्षेत्र के सक्रिय ड्रग्स पेडलर आप तक सामान पहुंचा देंगे.बड़े शहरों की तर्ज पर इन लोगों ने अपने-अपने क्षेत्र का बंटवारा कर रखा है. जो जिसका क्षेत्र पड़ता है वह उस क्षेत्र में माल खुले आम बेच सकता है. आखिर इनके अंदर इतनी हिम्मत कहां से आ रही है कौन है इनका गॉडफादर जो इनका पोषण एवं संरक्षण दे रहा है .पीने से अधिक अब बेचने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है .
ड्रग्स माफिया पहले स्कूली बच्चे को फ्री में पिलाकर इन्हें नशे का आदि बनाते हैं
जब इन्हें नशे की लत लग जाती है तब इन्हीं लड़कों से एक पुड़िया ब्राउन शुगर की कीमत 500 से ₹700 वसूलते हैं .कुछ दिनों तक यह बच्चे किसी तरह पैसों का इंतजाम कर कर इसे खरीदते हैं. लेकिन एक समय ऐसा आता है जब उनके सामने पैसों की दिक्कत होने लगती है. तब ड्रग्स माफिया इन बच्चों को ड्रग्स बचने के लिए तैयार कर लेते हैं. इस तरह इन्हें एक फ्रेश चेहरा मिल जाता है जिस पर किसी को कोई शक भी नहीं होता है.अब इस काम में लड़कियां भी शामिल हो गई है.बच्चे केवल पीने के चलते इनकी चाल में तेजी से फसते जा रहे हैं .चंद पैसों की लालच के चलते यह देशद्रोही न जाने कितने बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं .नशे के चलते इनके मां-बाप अपनी आंखों के सामने अपने जिगर के टुकड़ों को तिल तिल कर मौत के मुंह में जाते देख रहे हैं. आज इन्हीं लड़कों में से कोई आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनकर अपना, अपने मां-बाप एवं देश का नाम रौशन करता एवं देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाता लेकिन दुख की बात है कि यही बच्चे मौत के मुंह में तेजी से जा रहे हैं.आखिरकार इतने आसानी से ब्राउन शुगर जैसा प्रतिबंधित नशा इतने लम्बे समय से कैसे आ रहा है. क्या पुलिस का सूचना तंत्र इतना कमजोर हो गया है जो इन्हें ट्रैश तक नहीं कर पा रहा है.चिंता एवं दुख की बात है कि आज इन मौत के सौदागरों को रोकने वाला कोई नहीं है. पुलिस प्रशासन ने तो उनके सामने घुटने टेक कर अपने आप को सिलेंडर कर दिया है .
घाघरा एवं आसपास क्षेत्र में खुलेआम हो रही ड्रग्स की बिक्री जनप्रतिनिधियों भी है चिंतित
प्रखंड की बैठक में प्रखंड प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि एक साथ बैठकर विकास कार्यों की समीक्षा करते हैं. पहली बार ऐसा हुआ है की इन लोगों ने एक साथ बैठकर प्रखंड क्षेत्र में खुलेआम हो रहे ड्रग्स की बिक्री साथ ही युवाओं खासकर स्कूली बच्चों के बीच बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति को लेकर चिंतित दिखाई दिए. प्रखंड प्रशासन के द्वारा किया गया यह एक सराहनीय प्रयास है.जिस तेजी के साथ युवाओं में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है कुछ अनिष्ट ना हो इसे लेकर स्थानीय लोग भी चिंतित हैं. पूर्व में नशे के कारण यहां बड़े अपराध हो चुके हैं. इधर प्रशासन कुछ बड़ी घटना या दुर्घटना के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठी है.