राजेश कुमारविश्वकर्मा/न्यूज़11 भारत
नालंदा /डेस्क: नालंदा जिले में एक बार फिर बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया हैं. झारखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते लोकाइन नदी में 27 दिनों के भीतर दूसरी बार बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इस आपदा ने न केवल जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि जिले की कृषि व्यवस्था को भी गहरा झटका दिया है. हजारों किसान परिवारों की फसलें पानी में डूब चुकी हैं, जिससे वे पूरी तरह हताश और निराश हैं. हिलसा प्रखंड के धुरी बिगहा और एकंगरसराय प्रखंड के कोरथू इलाके में लोकाइन नदी के तटबंध एक बार फिर टूट गए हैं. बताया जा रहा है कि जहानाबाद के उदेरा स्थित बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, जिससे तटबंधों पर भारी दबाव पड़ा और वे कई जगहों पर टूट गए। इसका सबसे बड़ा असर लालबाग-मंडाच्छ सड़क मार्ग पर पड़ा, जो अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. करायपरसुराय के पकरी मध्य विद्यालय का परिसर भी बाढ़ के पानी से घिर गया है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वहीं कई इलाकों में संपर्क मार्ग टूटने से आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.
सकरी, जिरायन और पंचाने नदियों में भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. कतरीसराय के सतौआ-भदाई और परमानंदपुर गांव जलमग्न हो चुके हैं. घोड़ा कटोरा के पास स्थित बैराज का गेट खोल दिया गया है ताकि पानी का दबाव नियंत्रित किया जा सके।धुरी बिगहा, छीयासठ बिगहा, फुलवरिया, मुरलीगढ़ और चमड़ी सहित 14 से अधिक गांवों के खेत पानी में डूब चुके हैं. धान की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. किसानों का कहना है कि लगातार प्राकृतिक आपदाओं और सरकारी उदासीनता ने उनकी आर्थिक कमर तोड़ दी है. प्रभावित किसान राहुल कुमार, पिंटू कुमार, कांति देवी और राजेंद्र प्रसाद जैसे दर्जनों किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले आई बाढ़ के बाद तटबंधों की मरम्मत ठीक से नहीं की गई थी, जिससे अब दोबारा वही हालात बन गए हैं.
किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि पहले से चेतावनी देने के बावजूद तटबंधों की मरम्मत में गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया. करीब 60 फीट तटबंध ध्वस्त हो गया है, जिससे भारी नुकसान हुआ है. ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है.
पिछले 24 घंटों में जिले में 11.44 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो जुलाई महीने में अब तक की सबसे अधिक वर्षा है. मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है. बिहार शरीफ शहर के आशानगर, सलेमपुर, महुआतर और तालाबपर जैसे मोहल्लों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है. पंचाने नदी के बढ़ते जलस्तर ने शहर के कई हिस्सों को प्रभावित किया है. बाढ़ निस्सरण प्रमंडल के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सतीश कुमार के अनुसार सकरी और जिरायन नदियों के तटबंधों पर नजर रखी जा रही है. आवश्यक स्थलों पर बालू से भरे बोरे रखवाए गए हैं और दो मोबाइल एम्बुलेंस टीमों की तैनाती की गई है. प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्रयास देर से शुरू हुए और अपर्याप्त हैं.