प्रशांत/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: सिमरिया प्रखंड क्षेत्र में एक माह से रुक-रुक कर लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे अबतक कई लोग बेघर हो चुके हैं और कितने होंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है. परंतु प्रखंड के पुंडरा पंचायत के सिकरी गांव निवासी आसा कुमारी पति हुलास महतो और विलासी देवी पति बीरबल महतो का मिट्टी से बना कच्चा मकान गिरने की स्थिति में है, जिससे बड़ी घटना घट सकती है. उक्त दोनों घर के सभी सदस्य अपने ही घरों में डर के साए में जी रहे हैं. आवास योजना के लाभ से वंचित गृहस्वामियों ने बताया कि मोदी जी बोले थे, मेरे कार्यकाल के दस वर्षों में एक भी कच्चा मकान भारत में नहीं रहेगा. लेकिन अब उनके कार्यकाल का लगभग 15 वर्ष बीतने होने को है, फिर भी हम लोगों तक उनका महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास नही पहुंच पाया है. और ना ही हेमंत सोरेन का महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास मिला हैं.
दोनों योजना में से एक आवास मिलने का बेसब्री से इंतजार हैं. परंतु अब ऐसा प्रतीत होता है कि हम गरीबों के लिए सरकारी योजनाएं है ही नहीं. आगे कहा कि पंचायत के शिविरों में आवास के लिए आवेदन ऑनलाइन कर कार्यालयों का चक्कर लगाकर थक रही हूं, जहां सरकारी बाबुओं द्वारा आवास देने का आश्वासन तो मिल जाती है. किंतु कभी आवास इकरारनामा पर हस्ताक्षर या ठप्पा लगाने को नहीं कहा जाता है. मामले को लेकर पंचायत के मुखिया बिनोद महतो से पूछे जाने पर बताया कि अबुआ आवास की सूची में दोनों का नाम है. परंतु इन लोगों का क्रमांक संख्या बहुत पीछे होने के कारण अबतक इन्हें आवास मुहैया नहीं हो पाया है. एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार विकास का दंभ भरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती हैं. जिनकी विकास की सच्चाई गांवों में छिपा हुआ है, जहां आज भी विकास से कोसो दूर होने की चिखें निकलती है.बताते चलें कि सिर्फ गरीबों के मकानों का ही नही, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कों का भी बुरा हाल है. जिस पर केंद्र व राज्य सरकार को प्राथमिकता के तौर पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. ताकि ग्रामीणों को सहजता से आवश्यक बुनियादी सुविधाएं मिल सके.