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रांची/डेस्क: झारखंड में प्रेम विवाह के बाद तलाक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जिला अदालतों में दर्ज मामलों से पता चलता है कि दहेज प्रताड़ना, पति-पत्नी के छोटे-मोटे विवाद और ससुराल में बहू के आचरण जैसे कारणों से तलाक के मामले लगातार अदालत तक पहुंच रहे हैं. खासतौर पर प्रेम विवाहों में तलाक के मामले अधिक सामने आ रहे हैं, जिसके पीछे अहंकार और एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का सम्मान न करना बड़ी वजह बताई जा रही है.
प्रेम विवाह में तलाक के मामलों में इजाफा
सिविल कोर्ट में जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) शादी के बाद होने वाले विवादों और तलाक के मामलों को सुलझाने की कोशिश करता है. मध्यस्थता केंद्र में इन मामलों पर चर्चा की जाती है. मध्यस्थ पीएन सिंह के अनुसार, प्रेम विवाहों में तलाक के मामले अधिक देखे जाते हैं, जिनका मुख्य कारण अहंकार की समस्या है. इसके अलावा, पति-पत्नी के बीच शारीरिक आकर्षण में असमानता भी तलाक का कारण बनता है.
पसंद-नापसंद बनी तलाक की बड़ी वजह
मध्यस्थों का कहना है कि शादी के बाद एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का सम्मान न करना, पारिवारिक हस्तक्षेप, और ज्ञान या व्यवहार की कमी तलाक का बड़ा कारण बन रहे हैं. सास का अत्यधिक हस्तक्षेप भी कई बार परिवारों के टूटने का कारण बनता है. मध्यस्थों का सुझाव है कि शादी से पहले सभी संबंधित पक्षों की काउंसलिंग कराई जाए, जिससे पति-पत्नी शादी का महत्व और जिम्मेदारियां समझ सकें.
मुकदमों की संख्या में लगातार वृद्धि
रांची सिविल कोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में 643, वर्ष 2023 में 773, और 2024 में जून तक 309 तलाक और पारिवारिक विवाद के मामले दर्ज किए गए. हालांकि, मध्यस्थता केंद्र में इनमें से कई मामलों को सुलझाने की कोशिश की गई है. वर्ष 2024 के आधे साल में ही 294 मामलों को सुलझाया जा चुका है.
शादी के 30 साल बाद तलाक की अर्जी
अदालत में तलाक के एक मामले में 48 वर्षीय महिला ने 30 साल की शादी के बाद अपने 55 वर्षीय पति से तलाक की अर्जी दी है. इस दंपति के बच्चे भी शादी के लायक हो चुके हैं, लेकिन फिर भी पारिवारिक विवाद के कारण यह मामला अदालत में पहुंचा है. फिलहाल, मध्यस्थता केंद्र में दोनों पक्षों के बीच सुलह का प्रयास जारी है.
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बच्चा न चाहने पर तलाक की नौबत
एक और मामला तब सामने आया जब एक इंजीनियर और उसकी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली पत्नी के बीच बच्चा न होने को लेकर विवाद हुआ. पति और ससुराल वाले बच्चा चाहते थे, जबकि पत्नी का कहना था कि वह फिलहाल करियर पर ध्यान देना चाहती है. इस असहमति के कारण तलाक का मुकदमा कोर्ट में दर्ज कर दिया गया.