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रांची/डेस्क: कोविड-19 इसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. ये पूरे दुनिया के लिए ऐसा संकट का समय था. जिससे कई लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी थी. ऐसे में अब हांगकांग और सिंगापुर जैसे दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में अचानक से कोविड-19 के मामलों में उछाल आई है. ऐसे में इसे लेकर भारत में भी चिंता बढ़ी है. ऐसे में भारत सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक अहम समीक्षा बैठक भी की. इस मीटिंग के 24 घंटे भी पूरे नहीं हुआ कि देश की आर्थिक राजधानी यानी मुंबई में कोविड के केसों में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है.
मुंबई महानगरपालिका (BMC) के मुताबिक़, मुंबई शहर में कुल 53 कोरोना पॉजिटिव केस दर्ज किये गए है. इस साल के जनवरी से अप्रैल महीने तक कोरोना के केस में काफी कमी थी. लेकिन मई महीने में अचानक इसमें उछाल देखने को मिला है. ऐसे में कोरोना को लेकर प्रशासन सतर्क हो गई है. कोरोना को लेकर BMC ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. लेकिन इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.
विदेशों में कोरोना के बढ़े मामले, भारत सरकार हुई सतर्क
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा जानकारी के अनुसार, भारत में 19 मई 2025 तक कोरोना के भारत में कुल 257 एक्टिव केस है.ऐसे में भारत की विशाल जनसंख्या को देखते हुए इस आंकड़े को काफी कम माना जा रहा है. इन मामलों में ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है. उनकी स्थिति गंभीर नहीं है. हालांकि किसी भी संभावित खतरे से पहले सरकार पूरी तैयारी करना चाहती है. इसी कारण से राज्यों को टेस्टिंग तेज करने, निगरानी बढ़ाने और अस्पतालों को तैयार रखने के निर्देश दिए गए है.
कोविड का ये नए वेरिएंट कितना है खतरनाक?
कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 को एशिया देशों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के पीछा जिम्मेदार माना जा रहा है. बता दें कि अमेरिका के BA.2.86 वर्जन से यह वेरिएंट विकसित हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया है. इस वेरिएंट में करीब 30 म्यूटेशन है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता से बचने में इसे सक्षम बनाता है. हालांकि, इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह नया वेरिएंट ज्यादा गंभीर नहीं है. लेकिन इस वेरिएंट के तेज रफ़्तार से फैलने की क्षमता चिंताजनक है.
क्या है नए वेरिएंट के लक्षण?
लगभग पुराने कोविड वेरिएंट्स जैसे ही इस नए JN.1 वेरिएंट लक्षण है. इसमें सिरदर्द, बहती या बंद नाक, गले में खराश, सूखी खांसी, बुखार और थकावट महसूस होती है. इसके अलावा कुछ लोगों को गंध और स्वाद भी चले जाना महसूस होता है. ऐसे में यह लक्षण कुछ दिन या एक सप्ताह तक रह सकते है. ऐसे में यह सतर्कता बरतनी होगी कि अगर हलकी सर्दी-खांसी या बुखार महसूस होती है तो जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें और टेस्ट करवाएं. इस नए वेरिएंट को लेकर बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की सरकार की सलाह है.