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नई दिल्ली/डेस्क: केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को औपचारिक मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को भी स्वीकृति मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई को आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. अब आयोग अपने गठन की तारीख से 18 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपेगा, जबकि इसके 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है.
क्या है टर्म्स ऑफ रेफरेंस?
टर्म्स ऑफ रेफरेंस वह दस्तावेज होता है, जो आयोग के कार्यक्षेत्र, समयसीमा और संरचना को परिभाषित करता है — यानी आयोग कैसे काम करेगा, उसमें कौन-कौन सदस्य होंगे और किन बिंदुओं पर सिफारिशें देगा.
कर्मचारियों में सैलरी बढ़ोतरी को लेकर उत्सुकता
कैबिनेट की मंजूरी के बाद देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच यह जानने को लेकर उत्सुकता है कि आठवें वेतन आयोग के तहत उनकी सैलरी कितनी बढ़ सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग की तरह ही इस बार भी समान फॉर्मूला अपनाए जाने की संभावना है.
जब 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तब कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 कर दी गई थी. उसी पैटर्न पर अगर 8वां वेतन आयोग लागू हुआ तो बेसिक सैलरी में भारी उछाल देखने को मिल सकता है. अनुमान है कि नई न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹51,480 तक हो सकती है.
फिटमेंट फैक्टर और डीए का होगा अहम रोल
वेतन निर्धारण में फिटमेंट फैक्टर सबसे अहम भूमिका निभाता है. 7वें वेतन आयोग के दौरान यह 2.57 था, जबकि 8वें वेतन आयोग में इसके 2.86 तक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
इसके अलावा, हर नए वेतन आयोग के लागू होने पर महंगाई भत्ता (DA) शून्य से शुरू होता है, क्योंकि नई बेसिक सैलरी पहले से ही महंगाई को ध्यान में रखकर तय की जाती है. वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को 58% DA मिल रहा है.
सैलरी कैलकुलेशन का अनुमान
7वें वेतन आयोग के तहत:
- बेसिक पे – ₹25,000
- DA (58%) – ₹14,500
- HRA (मेट्रो शहर, 27%) – ₹6,750
- कुल सैलरी = ₹46,250
8वें वेतन आयोग के संभावित फॉर्मूले के तहत:
- बेसिक पे – ₹25,000 × 2.86 = ₹71,500
- DA – 0%
- HRA (मेट्रो शहर, 27%) – ₹19,305
- कुल सैलरी = ₹90,805
- यानी मौजूदा सैलरी की तुलना में लगभग दो गुना तक वृद्धि संभव है.
पेंशनर्स को भी फायदा
अगर किसी की वर्तमान बेसिक पेंशन ₹9,000 है, तो 8वां वेतन आयोग लागू होने पर यह बढ़कर लगभग ₹25,740 तक पहुंच सकती है.
क्या है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर वह गुणक है, जो महंगाई दर और जीवनयापन की लागत के आधार पर तय किया जाता है. इसी गुणक से मौजूदा बेसिक सैलरी या पेंशन को गुणा कर नई बेसिक राशि निर्धारित की जाती है. जितना अधिक फिटमेंट फैक्टर होगा, उतनी ही अधिक वेतनवृद्धि कर्मचारियों को मिलेगी.
आठवें वेतन आयोग की मंजूरी के साथ ही केंद्र सरकार के करीब एक करोड़ कर्मचारी और पेंशनर्स में नई वेतन संरचना को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं. अगर प्रस्तावित फॉर्मूला लागू होता है, तो 2026 से सरकारी कर्मचारियों की जेब में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
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