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रांची/डेस्क: एक तरफ झारखंड हाई कोर्ट नगर निगम चुनाव को लेकर झारखंड सरकार पर लगातार अपनी निगाहें टेढ़ी किये हुए है, और आदेश दिये जाने के बाद भी चुनाव की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने को लेकर सीधा हमला करते हुए कहा कि सरकार को संविधान की भी चिंता नहीं है. दूसरी तरफ भाजपा के विधि-प्रकोष्ठ ने भी नगर निगम चुनाव नहीं होने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
अधिवक्ता सह भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने नगर निगम के प्रशासक से लेकर मुख्य सचिव तक को आरोपों के घेरे में लेते हुए कहा कि ये लोग अपनी नौकरी बलिदान कर देंगे, लेकिन चुनाव नहीं कराएंगे.
बता दें कि 4 जनवरी 2024 को उच्च न्यायालय ने चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार को 18 महीने का समय दिया था, लेकिन अब तक चुनाव की कोई सुगबुगाहट नहीं हुई है. श्रीवास्तव ने कहा कि अब तक तो राज्य निर्वाचन आयोग का आयुक्त का पद भी खाली है. आम आदमी के अधिकारों का हनन हो रहा है, लेकिन इसको देखने वाला कोई नहीं है. ये लोग तो अब न्यायालय से भी ऊपर हो गए हैं. श्रीवास्तव ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य सचिव पार्टी के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड सरकार के जितने भी पदाधिकारी हैं निकाय चुनाव ने कराये जाने के लिए जिम्मेदार है.
सुधीर श्रीवास्तव ने यह भी आशंका जतायी की हाई कोर्ट के बार-बार के आदेश के बाद जब इन अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है, देखना यह होगा जब इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई होगी तब इनके पद की गरिमा कितनी बच पाती है. उन्होंने कहा कि नगर पार्षदों के नहीं रहने की वजह से राज्य के घर-घर से गांव-गांव से लोग छोटे-छोटे कामों के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि इसे देखने वाला कोई नहीं है.
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