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बिहार/डेस्क: त्योहारों का मौसम हो और मिठाई की बात हो तो ‘पेड़ा’ का नाम खुद-ब-खुद जुबां पर आ जाता है लेकिन क्या आप जानते है कि बिहार के समस्तीपुर में एक ऐसा चौक है, जहां पेड़ा ही पहचान है? समस्तीपुर-पटोरी मुख्य मार्ग पर सरिया पुल के पास स्थित इस जगह को लोग प्यार से ‘पेड़ा चौक’ कहते है क्योंकि यहां पेड़ा केवल बिकता नहीं, बल्कि परंपरा की मिठास बनकर लोगों के दिलों में बस गया हैं.
40 से ज्यादा दुकानें, हर रोज हजारों पेड़ा की बिक्री
‘पेड़ा चौक’ पर कदम रखते ही मिठास की खुशबू आपका स्वागत करती हैं. यहां करीब 40 से अधिक दुकानें हैं, जिनमें रोजाना हजारों पेड़े बिकते हैं. दुकानदारों के मुताबिक, हर दिन लगभग 2 कुंतल दूध से शुद्ध पेड़ा तैयार किया जाता हैं. इन दुकानों में सुबह से रात तक ग्राहकों की भीड़ लगी रहती हैं.
स्वाद की पहचान- शुद्ध दूध और बिना मिलावट की परंपरा
स्थानीय दुकानदार राजकुमार बताते है कि उनके यहां पेड़ा बनाने में सिर्फ शुद्ध दूध का इस्तेमाल होता है, किसी तरह की मिलावट नहीं. यही वजह है कि जो एक बार यहां का पेड़ा खा ले, वह दोबारा लौटे बिना नहीं रह पाता. हर दुकान का स्वाद थोड़ा अलग, लेकिन मिठास एक जैसी- असली देसी स्वाद की. ‘पेड़ा चौक’ की पहचान अब सीमाओं से परे जा चुकी हैं. पटना, हाजीपुर, दरभंगा या मधुबनी से गुजरने वाले लोग यहां रुककर पेड़ा जरूर खरीदते हैं. इतना ही नहीं, कई लोग इस चौक से पेड़ा विदेशों तक ले जाते है. दुकानदार गर्व से कहते है “हमारा पेड़ा ही हमारी पहचान हैं."
परंपरा से ब्रांड तक का सफर
आज ‘पेड़ा चौक’ केवल एक जगह नहीं, बल्कि एक ब्रांड बन चुका हैं. यहां का हर दुकानदार अपने काम से जुड़ा गर्व महसूस करता हैं. स्वाद, परंपरा और मेहनत का ऐसा संगम शायद ही कहीं और देखने को मिले. समस्तीपुर का यह चौक न सिर्फ बिहार की मिठास का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय व्यापार और पहचान का भी गर्व बन चुका हैं.
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