न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: नगर निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को लेकर आजसू पार्टी ने झारखंड की हेमंत सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं. पार्टी ने साफ-साफ कहा कि सरकार ओबीसी वर्ग को उसका अधिकार देना ही नहीं चाहती है, इसलिए ट्रिपल टेस्ट का बहाना बनाकर निकाय चुनावों को टाल रही है. यह आरोप आजसू के प्रवीण प्रभाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राज्य सरकार के ऊपर लगाया है. पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में वरिष्ठ नेता सह झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर और युवा नेता संजय मेहता ने कहा कि झामुमो–कांग्रेस ओबीसी आरक्षण में घपला करने की साजिश रच रहे हैं।
प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि राज्य सरकार ओबीसी को उसका हक़ नहीं देना चाहती है, इसलिए वह नगर निगम और निकाय चुनाव से भाग रही है. प्रवीण प्रभाकर ने राज्य सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर निकाय चुनावों को लेकर उसकी मंशा साफ है तो वह ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया को सार्वजनिक करे. प्रभाकर ने कहा, हमें जानकारी मिल रही है कि ट्रिपल टेस्ट को लेकर कोई लोगों तक पहुंचा ही नहीं.
प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट गए जहां से सरकार पर दबाव बढ़ा तो वह ट्रिपट टेस्ट कराये जाने का नाटक कर रही है. सरकार ने किस तरीके से सर्वे किया है, कौन से मेकैनिज्म का इस्तेमाल किया गया है, उसका खुलासा वह क्यों नहीं करती है.
प्रवीण प्रभाकर ने आगे कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद भी खाली है. ऐसे में राज्य में निकाय चुनाव कैसे होंगे? उन्होंने सवाल किया कि आखिर यह पद क्यों खाली रखा गया है? उन्होंने फिर एक और सवाल किया कि क्या राज्य सरकार चाहती है कि हर मुद्दे को हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट ले जाया जाये? सरकार निकाय चुनाव को लेकर संविधान का हवाला दे रही है, जबकि सच यह है कि वह संविधान का गला घोंटने का काम कर रही है. सरकार की तो मंशा में ही खोट है.
पार्टी के युवा नेता संजय मेहता ने कहा कि सरकार बताए कि ट्रिपल टेस्ट में संग्रह किए गए डाटा को सरकार कैसे सत्यापित करेगी। संस्थाओं का चयन किस आधार पर किया गया है और कैसे किया गया है। ट्रिपल टेस्ट का सैंपल कैसे संग्रह किया जा रहा है कौन कर रहा है यह बताया जाए।