प्रशांत/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग जिले के दीपू गढ़ा स्थित कृषि भवन संयुक्त कार्यालय के कर्मचारी और पदाधिकारी बीते कई महीनों से अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं. करीब 60 कर्मचारी और पदाधिकारी जिस भवन में कार्यरत हैं, वह पूरी तरह जर्जर हो चुका है. किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन प्रशासन और संबंधित विभाग आंख मूंदे बैठा है. भवन की स्थिति इतनी खराब है कि छत से प्लास्टर गिर रहा है, दरवाजे और खिड़कियां टूट चुके हैं, और बरसात या, में तो छत से पानी टपकने की वजह से फाइलें और उपकरण भी सुरक्षित से नहीं रह पाते. कर्मचारियों का कहना है कि इस भवन में हर दिन काम करना किसी खतरनाक मिशन से कम कर नहीं है. डर और दहशत के माहौल में कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन बढ़ते कर रहे हैं. इस भवन में संयुक्त कृषि निदेशक, जिला कृषि कार्यालय, अनुमंडल कृषि कार्यालय (सामान्य एवं प्रक्षेत्र), सहायक निदेशक गन्ना विकास, पौधा संरक्षण, भूमि संरक्षण, सर्वे आदि कुल आठ कार्यालय संचालित हो रहे हैं. कार्यालयों में प्रतिदिन किसानों, आम नागरिकों और अन्य विभागों से संपर्क करने वाले लोगों की भीड़ भी रहती है, जिससे खतरा और बढ़ जाता है.
कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने कई बार उच्च अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है और भवन को खाली करने की मांग की है, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है. बीते डेढ़ वर्ष पहले नए कृषि भवन के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर प्रशासन को भेजा गया, पर अब तक प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली है, न ही भवन निर्माण का कार्य शुरू हुआ है. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी उमेश तिर्की ने कहा कि इस नए भवन के निर्माण की प्रक्रिया प्रगति पर है. डीपीआर बनाकर प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होगा और कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया लि जाएगा. कर्मचारियों का कहना है कि अगर शीघ्र कोई समाधान नहीं हुआ तो वे कार्य बहिष्कार या आंदोलन पर भी विचार कर सकते हैं. प्रशासन को जल्द संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि किसी अप्रिय घटना से पहले समाधान निकाला जा सके.